शेर और मेमना पीडीएफ हिंदी में | Sher Aur Memna PDF Hindi Book

हम वैसा ही हैं जैसा हमारी सोच ने हमे बनाया है, इसलिए इसका ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
- स्वामी विवेकानंद


Sher Aur Memna PDF Hindi Book


शेर और मेमना हिंदी पुस्तक पीडीएफ / Sher Aur Memna Hindi Book PDF


मेमना एक किताब पढ़ रहा था. और शेर उसे घूर रहा था। "मैं उस मेमने को डरा सकता हूँ," शेर ने खुद से कहा. "दहाड़!" शेर गुर्राया। लेकिन मेमने ने ऊपर सिर तक नहीं उठाया। "दहाड़! दहाड़!" मेमने ने फिर भी ऊपर नहीं देखा. "दहाड़!" अंत में शेर बहुत जोर से गुर्राया।

"चुप रहो!" अंत में मेमने ने कहा. "दहाड़ो, पर इतनी जोर से नहीं! क्या तुम देख नहीं सकते कि मैं किताब पढ़ रहा हूँ?"

"जब शेर दहाड़ता है तो तुम्हें डरना चाहिए," शेर ने कहा। "क्यों?" मेमने ने पूछा. "क्योंकि शेर तुम्हें काट सकता है."

"मैं भी तुम्हें काट सकता हूँ," मेमने ने कहा। "शेर तुम्हें खा सकता है," शेर ने कहा. "चुप रहो!" मेमने ने कहा. "यहाँ से चले जाओ. मैं अभी व्यस्त हूँ."

शेर ने अपना मुँह खोला और अपने दांत दिखाए. "देखो, मेमने," शेर ने कहा. "मेरा डरावना चेहरा देखो."

मेमने ने अपनी किताब से ऊपर देखा "ठीक है. कोई बात नहीं." "क्या तुम्हें उससे डर नहीं लगता?" शेर चिल्लाया. "नहीं, मुझे वो पसंद हैं," मेमने ने कहा. "और तुम भी मुझे पसंद हो."

"परन्तु मेमनों को शेरों से ज़रूर डरना चाहिए." "लेकिन यह मेमना नहीं डरता है," मेमने ने कहा. "तुम्हें बिल्कुल भी डर नहीं लगता?" "नहीं," मेमने ने कहा. "सच में," शेर ने विनती की।

"तुम मुझे मूर्ख नहीं बना सकते," मेमने ने कहा। "असल में तुम एक बिल्ली हो." वो सुनकर शेर का रोने का मन करा. "तुम किसी को बताओगे तो नहीं?" शेर ने पूछा.

BookSher Aur Memna Hindi PDF
AuthorBarbara Brainer
LanguageHindi
Pages26
Size4 MB
FilePDF
CategoryStory
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