आग के फूल हिंदी पुस्तक पीडीएफ | Aag Ke Phool Hindi Book PDF



Aag Ke Phool Hindi Book PDF


आग के फूल हिंदी पुस्तक पीडीएफ | Aag Ke Phool Hindi Book PDF Download

सनातन परंपरा से हमारा विचलन निहित स्वार्थों की मात्र तात्कालिक उपलब्धि है। ऐसे दौर में जरूरत थी हमें सच्चे संन्यासियों के आशीषों की, जो सनातन परम्परा के ऊपर पड़ी राख की परतों को अपनी प्राण ऊर्जा से विस्फारित कर समूचे संसार को उत्प्रेरित करते ताकि 'सनातन दर्शन' और उसकी परम्परा, जनजीवन का फिर से एक अनिवार्य अंग बनते। खेद है कि संन्यास के मर्म को समझे बिना, अनेकों व्यवहार बुद्धि में किंचित अधिक कुशल व्यक्तियों ने, संन्यास के बाह्याडम्बर को तो अपना लिया। 

किन्तु अपने अन्दर संन्यास वृत्ति को नहीं जगा पाए और संन्यास के वस्त्रों में सजे संवरे इन स्वयभू व्यक्तियों के प्रति उमड़े जन मानस के प्यार और सम्मान को, जो इन्हें सहज रूप में एक बार मिलना शुरू हुआ, तो कहीं बाद में यह छूट न जाए, इस व्यामोह और व्यापार बुद्धि के चलते, वे सचमुच अपने ढोंग और आडम्बर का एक विशाल साम्राज्य खड़ा करने को मजबूर हुए। ऐसा करके, न सिर्फ इन तथाकथित संन्यासियों ने अपना अहित किया बल्कि सच्चे संतों और संन्यासियों को पृष्ठभूमि में ढकेल कर जनमानस, सचराचर और सनातन दर्शन के असली रूप के साथ घोर अन्याय कर स्वयं घृणित अपराधी बने।

ऐसे माहौल में, "श्रद्धेय स्वामी सनातन श्री" जी की इस भरत खण्ड भारत में प्राणवान उपस्थिति, बीसवीं तथा इक्कीसवीं शताब्दी का एक बहुत बड़ा गौरव है, सनातन संस्कृति, दर्शन, अध्यात्म और जीवन का एक ऐतिहासिक अध्याय है, जहाँ संन्यासी, समाधि और समाधान के प्रत्यय सदैव के लिए अक्षुण्ण हो गए हैं।

सन् 1990 में मुझे बताया गया था कि लखनऊ में कुर्सी रोड पर 'सनातन आश्रम' है और वहाँ एक विलक्षण संन्यासी स्वामी सनातन श्री हैं। यह आश्रम अद्भुत है, जहाँ पशु, पक्षी यथा कुत्ते, बिल्लियों की योनि में अवतरित जीवात्माएँ "भजो राम! राम! राम ! भजो। गोविन्द ! राधेश्याम।" के भजन गाते हैं। सामान्यतः यह विचित्रता आश्चर्य पैदा करती है, ऐसा चमत्कार तुरन्त देखने जाने की ललक पैदा करती है, हर मनुष्य के मन में। पर मुझे लगा, यह भी लोगों को आकर्षित करने का ढोंग भर हो सकता है किसी आश्रम का, उस देश में, वर्तमान में जिसमें संन्यासी, अध्यात्म को छोड़ अपने चमत्कारी करतबों से अपने-अपने प्रतिष्ठान बनाए बैठे हैं।





Bookआग के फूल / Aag Ke Phool
AuthorSwami Sanatan Shri
LanguageHindi
Pages186
Size49 MB
FilePDF
CategoryHindi Books, Hinduism
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