शिव संहिता हिंदी पुस्तक पीडीएफ / Shiv Samhita Hindi Book PDF
सर्व मोक्षकांक्षी महापुरुषों को विदित होय कि यह शिव संहिता नामक ग्रंथ जो संसार के उपकारार्थ पूर्व श्रीपार्वती जीके प्रश्नोत्तर योगमार्ग उत्पत्ति कर्त्ता श्री शिवजी नें कृपापूर्व क योगोपदेश किया सो यह ग्रंथ योगाभ्यासी जनोंको अति उपकारक है इस हेतु से कि श्रीशिवजी नें इसमें ब्रह्मज्ञान और हठयोगक्रिया राजयोगसहित उत्तम सरल रीति से उपदेश किया है।
इसको परिश्रम से लाभ करके योगाभ्यासी और मोक्ष कांक्षी जनों उपकारार्थ श्रीमत्परमहंस परिव्राजकयोगी- राजश्री स्वामी स्वयंप्रकाशानन्द सरस्वती जी के साधक शिय काशी निवासी गोस्वामी राम चरण पुरी नें अपने लघुमति के अनुसार भाषानुवाद करके अब दूसरी बार शुद्ध करके मुंबई में श्रीवेङ्कटेश्वर मुद्रायन्त्राधिकारी श्रीकृष्णदासात्मज खेमराज इन्होंके द्वारा प्रकाश किया। अब सर्व शास्त्रवेत्ता बुद्धिमान जनोंसे प्रार्थना है कि इस ग्रंथ के मूल व टीका में जहां अशुद्ध हो उसको कृपा पूर्वक सुधार दें।
केवल एक ज्ञान नित्य आदि अन्त रहित है। ज्ञान से अलग अन्य कोई वस्तु सत्य संसार में वर्त्तमान नहीं है केवल इन्द्रियोपाधि द्वारा संसार जो भिन्न भिन्न बोध होता है सो यह ज्ञान मात्रही प्रकाश होता है और कुछ नहीं है अर्थात् ज्ञान से भिन्न कुछ नहीं है। सर्व प्राणीमात्र के ईश्वर आत्ममुक्ति प्रदायक भक्तवत्सल जिन मनुष्यों को सिवाय आत्मज्ञान के अन्यगति नहीं है उनके हेतु कृपापूर्वक योगो देश करते हैं विवाद शील लोगों का मत दुर्ज्ञानका हेतु है यह त्यागने के योग्य है।
कोई सत्य की प्रशंसा करते हैं, कोई तपस्या- की, कोई शौचाचार की, कोई क्षमा की प्रशंसा, कोई समता की, कोई सरलता को, कोई दानकी प्रशंसा, कोई पिकर्म की, कोई सकाम उपासना की, कोई पुरुष वैराग्य को उत्तम कहते हैं। कोई पुरुष गृहस्थकर्म की प्रशंसा करते हैं, कोई बुद्धिमान पुरुष अग्निहोत्रादिक कर्म की प्रशंसा करते हैं कोई मंत्रादिक कोई तीर्थसेवन करना मुख्य समझते है।
Book | शिव संहिता / Shiv Samhita |
Author | Khemraj Shrikrishna Das |
Language | Hindi |
Pages | 218 |
Size | 360 MB |
File | |
Category | Bhakti Dharma |
Download | Click on the button given below |