श्री वेदांत बालबोध | Shri Vedant Balbodh Hindi Book PDF Free Download :
हम इस ग्रन्थकी संशोधनमैं पुणे, मुंबई, दिल्ली, हरिद्वार तथा वाराणसी आदिक अनेक ग्रन्थ भण्डार में पूछताछ की हैं। लेकिन लाभ नहीं हुआ। अंतमैं यहाँ सोलापूर नगर मैं एक सज्जन साधकके पास हस्तलिखित प्रति मिली। याको आधारित करिके हमारे एक सुहृदने पुस्तकरूपमैं छपवाया। लेकिन मुद्रणा में गडबड हुई, इसलिए पढने लायक नहीं रहा। जोभी हो हम उन सन्मित्रके आभारी हैं। कृतज्ञताएँ समर्पण करतें हैं।
जिस किसी तरह जिज्ञासा के बलपर इस श्रीवेदान्त बालबोध ग्रन्थ को श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ परमपूज्य सद्गुरु श्रीनागभूषणम् बिरुजी महाराजश्री के श्रीमुख सैं हमनें श्रवण करि है। औ हमारे कई विद्यार्थियों को पढ़ाया बी है। अब सो मुद्रित ग्रन्थ बी अभाव हुई है। इस वेदान्त बालबोध ग्रन्थका अद्भुत महिमा को सुनि के बहुत से विद्यार्थीगण अध्ययन करने को तलपत हैं।
उनकी तीव्रतर जिज्ञासा देखिके, इस ग्रन्थ को सुधारि के, विश्वभरके सर्व मुमुक्षुजनोंके अध्ययन सुखद हो, औ सभी का कल्याण हो, या अभिप्राय सैं इस दुर्मिल महत् ग्रन्थको फेरि प्रकट करने अर्थ साहस करूं हूँ। हमारे विद्यार्थी तपस्वी' अजय चैतन्यजीने', हमारे सुहृद द्वारा पूर्व मुद्रित श्रीवेदान्त बालबोध ग्रन्थ को आधारित करिके 'डाक्युमेंट' बनाय के दिया।
उसको हमनें कंप्यूटरैजिंग' करी हैं। विषयके अनुसार जगह जगह श्रीपण्डित पीताम्बर जी के हिन्दी टिप्पण के अलावा संस्कृत टिप्पण बी निवेश करे है। परिशिष्ट में हमारे श्रीगुरुदेव श्रीनागभूषणम् बिर्रुजी द्वारा रचित वेदान्त पारिभाषिक शब्दों का 'नियमावली' भी मुमुक्षुओं को बहुत उपयोगी जानिके जोड दिये हैं। औ श्री पण्डित पीताम्बरजी कृत अनेक स्तोत्र औ अन्यान्य स्तोत्र भी दुर्मिल जानिके जोडे हैं।
इस ग्रन्थ की अनेकवार प्रूफरीडिंग' करने में हमारे विद्यार्थी 'श्री चन्द्र मोहन येमुल' बहुत मदद की है। इन दोनों सत् विद्यार्थियोंको ईश्वरकी तरफ हमारा आशीर्वाद है। आनन्द है कि जिसकिसी प्रकार श्रीपण्डित पीताम्बरजी के निस्सीम कृपासैं इस अद्भुत ग्रन्थकी पुनरुज्जीवन हुई है। दुनियाभर के सभी मुमुक्षुओं को इस ग्रन्थ प्राप्तहो, या उद्देश इस महत् ग्रन्थको मुद्रित किये हैं।
कृपया श्रीगुरुमुखसैं अध्ययन करें। स्वतन्त्ररौं कदापि करें नहीं। इस ग्रन्थकी सुधारने मैं अनजानेमें कुछ तृटियाँ हुई हो, तो सुहृद विद्वज्जनोंने कृपया सँभार लेवै। ऐसी हमारी विनम्र प्रार्थना है। आशा करतें हैं ईश्वरकी औ श्रीपण्डित पीताम्बर पुरुषोत्तमजीके आशीर्वाद हम सबको सदा प्राप्त हो।
Book | श्री वेदांत बालबोध | Shri Vedant Balbodh |
Author | Brahmachari Ajay Chaitanya |
Language | Hindi |
Pages | 6 |
Size | 0.5 MB |
File | |
Category | Hinduism |