हिफाज़त हर चीज की दुआ हिंदी पुस्तक पीडीएफ | Hifazat Har Cheez Ki Dua Hindi Book PDF Download
शैतान से हिफाज़त की दुआ, किसी भी चीज़ के शर से हिफाज़त की दुआ, नज़रे बद का इलाज, किसी से खतरे या खौफ के वक़्त की दुआ, ईमान पर साबित क़दमी की दुआ, ग़म व परेशानी दूर करने के लिये, जहन्नम से नजात पाने की दुआ, दुन्या व आखिरत की आफियत के लिये सब से बेहतरीन दुआ, बीमारी (नज़रे बद वगैरा ) से हिफाज़त की दुआ, ४ चीज़ों से बचने की दुआ, जादू से हिफाज़त का नुसखा, मुसीबतों से नजात हासिल करने का नबवी नुसखा, हर किस्म की आफियत का नबवी नुसखा, बदन की सलामती की दुआ, नुक़सान से बचने की दुआ, तमाम ज़रुरतों का हल, शैतान के असरात से हिफाज़त, और भी कई फवाइद, आसेब और सहर वगेराह से हिफाज़त का नबवी नुसखा, सगीरा गुनाहों से माफी की दुआ, हर फर्ज़ नमाज़ के बाद पढ़ें, नुक़सान से हिफाज़त (इस्तिखारा की दुआ)।
अउज़ु बिल्लाहिस समीइल अलीमि मिनश शैतानिर रजीमि। तर्जमा : मैं शैतान मरदूद से अल्लाह की पनाह में आता हूँ, जो सुनने वाला और जानने वाला है। फज़ीलत / हदीस रसूलुल्लाह ने फर्माया : जो : : शख्स सुबह के वक्त यह दुआ पढ़ेगा तो शाम तक शैतान के शर से महफूज़ हो जाएगा। अऊज़ु बिकलिमातिल्लाहित ताम्माति मिन शर्रि मा खलक। तर्जमा : मैं अल्लाह तआला के मुकम्मल कलिमात की पनाह में आता हूँ तमाम मखलूक़ के शर से। फज़ीलत / हदीस रसूलुल्लाह ने फर्माया : जो शख्स किसी भी जगह पर क़याम करे फिर यह दुआ पढ़े तो जब तक वहाँ ठहरा रहेगा कोई चीज़ उस को नुक़सान नहीं पहुंचाएगी।
अल्लाहुम्म अज़्हिब हर्रहा व बरदहा व वसबहा। तर्जमा : ऐ अल्लाह ! नज़रे बद की गर्मी और उस की ठन्डक और उस की तकलीफ को दूर फर्मा । फज़ीलत / हदीस : एक शख्स को नज़र लग गई थी तो आप ने उस के सीने पर हाथ रख कर यह दुआ फर्माई। अल्लाहुम्म इन्ना नजअलुक फी नुहूरिहिम व नऊज़ुबिक मिन शुरुरिहिम। तर्जमा : ऐ अल्लाह ! हम (अपनी हिफाज़त के लिये) आप को उन दुश्मनों के मुक़ाबल में पेश करते हैं और उन की बुराई से पनाह चाहते हैं। फज़ीलत / हदीस : रसूलुल्लाह जब किसी से खतरा महसूस करते, तो यह दुआ फर्माते।
अल्लाहुम्म अजिरनी मिनन्नार। तर्जमा : ए अल्लाह ! मुझे जहन्नम से नजात अता फरमाइये । फज़ीलत : हज़रत मुस्लिम बिन हारिस तमीमी फरमाते हैं के रसूलुल्लाह ने उन के साथ सरगोशी फरमाई और फरमाया के जब तुम मग्रिब की नमाज़ से फारिग हो जाओ तो ७ मरतबा यह दुआ पढो, अगर तुम यह दुआ पढ लोगे और उसी रात में तुम्हारी वफात हो जाए, तो तुम्हारे लिये जहन्नम से खलासी लिख दी जाएगी, और जब तुम फज्र की नमाज़ पढलो, तो यह दुआ पढ लिया करो, अगर तुम एसा कर लेते हो, और उस दिन तुम्हारा इंतिकाल हो जाता है, तो तुम्हारे लिये जहन्नम से छुटकारा लिख दिया जाएगा।
अल्लाहुम्म इन्नी अस्अलुकल आफियत वल मुआफात, फि हुनया वल आखिरति। तर्जमा : ए अल्लाह में आप से दुन्या व आखिरत की आफियत तलब करता हूं। फज़ीलत : एक शख्स ने हुज़ूर की खिदमत में आकर अर्ज़ किया के ए अल्लाह के रसूल ! सब से बेहतर दुआ कोन सी है। आप ने दर्जे बाला दुआ मांगने की तलकीन फरमाई, दूसरे दिन भी उस ने आकर यही सवाल किया, आप ने उसे यही दुआ बताई, जब तीसरे दिन आकर उस ने यही सवाल किया, तो आपने यही दुआ बताई और फरमाया: जब तुम्हें दुन्या व आखिरत की आफियत मिल गई तो तुम कामियाब हो गए।
या मुकल्लिबल कुलूबि सब्बित कल्बी अलादीनिक। तर्जमा : ऐ दिलों को फ़ेरने वाले ! मेरा दिल अपने दीन पर जमा दे। फज़ीलत / हदीस रसूलुल्लाह कसरत से यह दुआ पढ़ा करते थे। या हय्यु या कय्यूमु बिरह्मतिक अस्तगीसु। तर्जमा : ऐ हमेशा ज़िन्दा रहने वाले, सब को थामने वाले ! मैं तेरी रहमत की उम्मीद के साथ तुझ से फर्याद करता हूँ। फज़ीलत/ हदीस : रसूलुल्लाह को जब कोई ग़म या परेशानी लाहिक़ होती तो यह कहा करते।
Book | हिफाज़त हर चीज की दुआ / Hifazat Har Cheez Ki Dua |
Author | Unknown |
Language | Hindi |
Pages | 46 |
Size | 2 MB |
File | |
Category | Islamic, Hindi Books |
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