हस्त रेखाएं बोलती है हिंदी पुस्तक पीडीएफ Hast Rekhayen Bolti Hai Hindi PDF Book
यदि किसी विज्ञान, कला का कार्य विशेष का आरम्भ से ही मनुष्य जाति के सुधार और प्रगति का ध्येय हो, तो वह विज्ञान, कला और कार्य मान्यता और प्रोत्सा- हन के अधिकारी होते हैं।
मनुष्य की प्रकृति के विश्लेषण, अध्ययन और परीक्षण करने के जितने क्षेत्र हैं, उनमें हाथ को सबसे अधिक महत्व का स्थान प्राप्त होना चाहिए। हाथ के परीक्षण से न केवल मनुष्य जाति की खामियों या कमियों या दोषों को जाना जा सकता है, परन्तु यह भी ज्ञान हो सकता है कि उन दोषों या कमियों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है।
हाथ आचरण की उस बन्द अलमारी की चाभी है जिसके अन्दर प्रकृति न केवल दैनिक जीवन को प्रेरक शक्ति को; बल्कि उन अन्तनिहित क्षमताओं और गुणों तथा कार्य शक्तियों को भी छिपाकर रखती हैं, जिनको हम स्व (self) को पहचानकर, अपने जीवन में कार्यान्वित कर सकते हैं।
हम में से कदाचित् कोई ही ऐसा होगा जो अपने बीते हुए जीवन काल का सर्वेक्षण करके, कभी-न-कभी यह अनुभव न करेगा कि उसके गत जीवन के कितने महीने, वर्ष या जीवन का एक बहुत बड़ा भाग, उसके माता-पिता या उसकी अपनी अनभिज्ञता या अज्ञान के कारण निरर्थक व्यतीत हुए हैं।
अपने आप को पहचानो' हमारे ज्ञानी पूर्वजों का यह मंत्र ऐसा व्यापक और अपूर्ण है कि उसको भूल जाना कठिन है। जब प्रकृति के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त करके उसके महत्त्व और अस्तित्व को हम स्वीकार करते हैं, तो हमे ऐसे अध्ययन और पठन पर विचार चाहिए जो इस सम्बन्ध में हमें और अधिक ज्ञान दे सकते हैं। अपने सम्बन्ध में पूर्ण ज्ञान प्राप्त करके हम अपने ऊपर अधिकार रखने में समर्थ होंगे और अपने आपकी उन्नति करके, हम मनुष्य जाति की उन्नति कर सकेंगे।