फैज़ाने आला हज़रत हिंदी पुस्तक पीडीएफ | Faizane Aala Hazrat Hindi Book PDF Download
रजवी किताब घर दिल्ली को मुख्तलिफ मज़हबी मौजूआत इस्लामी अफ़कार व अकायद और मामूलाते अहले सुन्नत से मुताल्लिक मुस्तनद, मोतबर मारूफ और मालूमात अफज़ा किताबों की मुसलसल इशाअत का शर्फ हासिल है। इन किताबों में मुस्तकिल तसानीफ, तालीफ़ात, मर्तबात और शरह व तराजिम भी हैं और इल्मी व तहक़ीक़ी मकालात व मज़ामीन के मजमूए भी ख़्वास की इल्मी व फिकरी ज़रूरियात को पूरी करने वाली मअरकतुल आरा तसानीफ़ फ़ताबा और फेकह हनफी, मालिकी, हंबली और शाफई की तर्जमान इल्मी किताबें भी हैं और अवामी इस्लाह व फलाह के तकाज़ों को पूरी करने वाली उर्दू व हिंदी छोटी बड़ी किताबें भी, यही वजह है कि रज़वी किताब घर को जमाअत अहले सुन्नत का क़दीम और मारूफ मर्कज़ी कुतुबखाना तसलीम किया जाता है।
ख़ुदा का फल व करम है कि रज़वी किताब घर अपने क्याम से ताहाल अकाबिर उलेमाए अहले सुन्नत की बेशुमार किताबें हिन्दी में शाया की हैं उनमें कुरआन पाक कंजुल ईमान हिन्दी, तज़किरतुल अंबिया, तज़किरतुल औलिया, सच्ची हिकायात, मुकाशफ्तुल कुलुब, जाअल हक, कानूने शरीअत सुन्नी बहिश्ती ज़ेवर, जन्नती जेवर, निज़ामे शरीअत तारीखे करबला, शामे करबला, दास्ताने करबला, खाके करबला करबला का मुसाफिर, खून के आंसू, देवबंद का नया दीन, इस्लामी जिन्दगी, औरतों की हिकायात, करीनए जिन्दगी, मज़ारात पर औरतों की हाज़िरी, तमहीदे ईमान किताबें काबिले ज़िक्र हैं इनके अलावा उलेमाए अहले सुन्नत की और बहुत सी किताबें हिन्दी जुबान में भी शाया हो रही हैं और बड़ी मक़बूल रही हैं इस लिहाज़ से रज़वी किताब घर देहली को दीगर कुतुबखानों में इम्तेयाजी हैसियत हासिल है।
अब रज़वी किताब घर "फैजाने आला हज़रत" का हिन्दी एडीशन शाये करने का हासिल कर रहा हैं। यह किताब आला हज़रत इमाम अहमद रजा कादरी मुहद्दिस बरैलवी की कई छोटी बड़ी किताबों से खुलासा की गयी उन अहम बहसों का मजमूआ है जो अकीदा ईमान और अमल की इस्लाह और अहले सुन्नत के 'मरासिम से ताल्लुक रखती है। इस लिहाज़ से यह किताब मुआशरे के सभी लोगों के लिये फायदेमंद है। तक़रीबन पन्द्रह सौ सपहात पर मुश्तमिल किताब "फैज़ाने आला हज़रत ज़ख़ीर-ए-इल्म व अदब में एक ज़बरदस्त इजाफा है। किताब "फैजाने आला हज़रत सैयदी इमाम अहमद रजा कुद्देस सिर्रहू की तसानीफे जलीला से नाखूज़ है जो ज़िन्दगी के तमाम शोभुवों में रहनुमाई करती है। अकाइदे हक्का से लेकर मरासिमे अहले सुन्नत तक हर मरहले पर यह किताब दस्तगीरी करती नज़र आती है।
हज़रत अल्लामा मुफ्ती मुहम्मद ईसा रज़वी साहब ने आला हज़रत अजीमुल - बरकत की सदहा किताबों की मालूनात अफ़्ज़ा, तहकीकी, नफा बख़्श और हवालों से मुज़ैय्यन इबारतों से इस किताब को तर्तीब दिया है। जो अहले सुन्नत के लिए एक अज़ीम बुलन्द पाया इल्मी ला क़ीमत सरमाया है। इस किताब के मुताला से आला हज़रत कुद्देस सिर्रहू की सैंकड़ों किताबों का इल्मी फैजान और बातिनी नूर, कारी के जहन व फिक्र में हुस्न व सदाकृत के दीप रौशन कर देता है। इस से कब्ल हज़रत मुफ्ती मुहम्मद ईसा रज़वी साहब की कई नादिर और मालूमाती किताबें मंज़रे आम पर आकर अस्ले इल्म व फ़ज्ल से खिराजे तहसीन हासिल कर चुकी हैं।
अब नबीर-ए-आला हज़रत, हजरत मौलाना अल्हाज कारी मुहम्मद तस्लीम रज़ा खान नूरी अतालल्लाहु उमरहू बानी व मुहतमिम इमाम अहमद रजा लाइब्रेरी बरैली शरीफ़ की कोशिशों से आला हज़रत का खुसूसी फैजान यानी फैजाने आला हज़रत" आपके हाथों में है। नबीर-ए-आला हज़रत हज़रत मौलाना अल्हाज कारी मुहम्मद तस्लीम रजा खाँ साहब कादरी नूरी ने चन्द सालों कब्ल बरैली शरीफ में "इमाम अहमद रजा लाइब्रेरी काइम की, जिसके ज़ेरे एहतमाम ताहुनूज 50 से जाइद किताबें मंज़रे आम पर आ चुकी हैं।
मुझे दौराने सफर मौलाना मौलवी मुहम्मद ईसा रज़वी क़ादरी की ताज़ा तस्नीफ "फैज़ाने आला हज़रत" के कुछ कलिमात सुनाए, मैं आजकल कुछ देखकर पढ़ने से माजूर हूँ जो कुछ मैंने सुना वह बहुत खूब है, उम्मीद करता हूँ कि उनकी यह किताब अवामे अहले सुन्नत व उलमा में यक्सां तौर पर मकबूल होगी। अल्लाह तबारक व तआला मौसूफ को जजाए खैर दे और उनकी इस खिदमत को कबूल फरमाए और फैज़ाने आला हज़रत को आम फरमाए।
Book | फैज़ाने आला हज़रत / Faizane Aala Hazrat |
Author | Hazrat Imam Ahmed Raza Qadri |
Language | Hindi |
Pages | 657 |
Size | 21 MB |
File | |
Category | Islamic Book, Hindi Book |
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