आला हज़रत का फतवा हिंदी पुस्तक पीडीएफ | Aala Hazrat Ka Fatwa Hindi Book PDF Download
इस्लामिक रिसर्च एण्ड दावा सेण्टर ने शिर्क-ओ-बिक़त के खिलाफ ऐलान-ए-जंग की एक मुहिम छेड़ रखी है और आपके बीच बराबर हिन्दी में इश्तिहार या किताबचे (कुरआन-ओ-हदीस से मुदल्लल) पहुँचा रही है । इसके अलावा ओलमा की तक़रीरें - मुखालिफ़ों से मुबाहिसे और चुनौतियों के साथ ही साथ इस्लामिक सी०डी०, डी०वी०डी० व किताबों के ज़रिये भी कुरआन-ओ-हदीस की सही जानकारी आप लोगों तक पहुँचाने का काम कर रही है और अल्लाह तआला का बहुत-बहुत शुक-ओ-एहसान है कि हमारे इस मुहिम में, अल्लाह तआला के फ़ज़्ल-ओ-करम से कई लोगों ने शिर्क-ओ-बिद्भुत से तौबा करके हिस्सा लेना भी शुरू कर दिया है और काफी तेजी से लोग हमारी दावत से मुतास्सिर होकर हमारे इस नेक काम में हमारे साथ जुड़ रहे हैं, क्योंकि हमारी दावत हक की दावत है, कुरआन की दावत है, हदीस की दावत है।
हमारी दावत का खुलासा ये है कि अल्लाह तआला ने दो हाथ दिये हैं और अल्लाह के प्यारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपने वफ़ात से पहले हमें ये फ़रमा दिया था कि "मैं तुम्हारे बीच दो चीजें छोड़े जा रहा हूँ, एक अल्लाह की किताब दूसरी मेरी सुन्नत। जो इन्हें मज़बूती से पकड़ लेगा वो कभी गुमराह नहीं होगा।" इसके अलावा ये भी बताया कि दीन में हर नया काम बिद्भुत है, हर बिद्धत गुमराही है और गुमराही जहन्नम में ले जाने वाली है । तो एक हाथ में अल्लाह का कुरआन और दूसरे हाथ में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का फ़रमान । बस इन दोनों चीज़ों को पकड़ लें, न तीसरा कोई हाथ और न ही तीसरी कोई चीज़ । अब हर किसी की बात को हम इससे मिला लें अगर मिल जाये तो ले लें और अगर नहीं मिले तो उसे जूते की नोक पर उड़ा दें।
वे अल्लाह और रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की बात नहीं है इसलिए बिद्भुत है और वो हमें गुमराह कर देगी और गुमराही जहन्नम में ले जायेगी। बस यही हमारी दावत है- अब बताईये हम क्या ग़लत बात कर रहे हैं? लोग हमें वहाबी - गैर मुकल्लिद, – गुमराह-मुरतद- काफिर और न जाने क्या-क्या कह जाते हैं और उन्हें अल्लाह से डर भी नहीं लगता कि वो हमारे ऊपर इन झूठे और गलत इल्ज़ामात का क्या जवाब देंगे । खैर.. अल्लाह तआला से दुआ है कि उन्हें भी वो हिदायत नसीब फरमाये और तौफ़ीक़ दे कि अपने-अपने घरों में रखे हुए कुरआन और हदीसों को जो कि कपड़ों के गिलाफों में बन्द पड़े-पड़े धूल चाट रहे होंगे उसे तर्जुमे के साथ पढ़ें- समझें और तहकीक करें। फिर उस पर अमल करें।
अब हम आपके सामने इस ज़माने के भोले-भाले, नादान और कम इल्म मुसलमान भाईयों के पाँचवें इमाम मुजद्दिदे दीन-ए-मिल्लत हुजूर पुर नूर आला हज़रत बरेलवी साहब का एक फतवा जिसमें जुलाहे - खाल पकाने वाले मोची-नाई और मनिहार ये सब बिरादरियां नीच और ज़लील हैं, लिखा गया। सुबूत के तौर पर उनकी किताबों में लिखी पंक्तियों की फोटो कापियां भी ( हिन्दी तर्जुमे के साथ) पेश कर दे रहे हैं ताकि आप हज़रात उसे असल किताब में मिलाकर देख सकें । आप में कोई भी साहब अगर ये हवाले आला हज़रत की किताबों में देखकर मिलाना चाहते हों तो वो हमारे "इस्लामिक रिसर्च एण्ड दावा सेण्टर" में तशरीफ लायें।
उन्हें इसके अलावा भी कई ऐसे हवाले आला हज़रत व दीगर बरेलवी ओलमा की किताबों से दिखाये जायेंगे जो कि सरासर कुरआन-ओ-हदीस के खिलाफ़ हैं और किसी मुसलमान के लिये उसका सोचना भी हराम है। नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) और आयशा (रजि0) की तौहीन तक उनकी किताबों में मौजूद हैं। इसके अलावा बेहयाई और अय्याशी की भरपूर तालीमात भी मौजूद हैं। ऊपर दिये गये आला हज़रत बरेलवी साहब के त्वे व तालीमात को आपने पढ़ लिया और अब आईये इस बारे में, मैं आप लोगों के सामने अल्लाह तआला फ़रमान और हुक्म पेश करता हूँ। अपने घरों में रखे कुरआन पर लगे धूलों को साफ़ करिये, उसे खोलिये और देखिये।
"ऐ लोगो ! हमने तुम्हे एक मर्द और औरत से पैदा किया और तुम्हारी बहुत सी जातियां और क़बीले बनाये, ताकि तुम एक-दूसरे को पहचान सको। अल्लाह के यहां तो तुममें सबसे ज़्यादा इज्जत वाला तो वो है जो तुममें सबसे ज़्यादा परहेज़गार है। बेशक अल्लाह जानने वाला और ख़बर रखने वाला है।" (पार: 26, सूरः हुजुरात, आयत- 13) देखा आपने! अल्लाह तआला का क्या फ़रमान है कि पेशे से या सादात, सय्यद, पठान होने से नहीं बल्कि मुत्तकी परहेज़गार और अल्लाह से सबसे ज़्यादा डरने वाला ही अल्लाह तआला के नज़रों में ऊँचा और बड़ा हैं और रही बिरादरियाँ, तो उन्हें सिर्फ पहचान के लिये अल्लाह तआला ने बनाया है।
Book | आला हज़रत का फतवा / Aala Hazrat Ka Fatwa |
Author | Khurshid Abdurrashid 'Muhammadi' |
Language | Hindi |
Pages | 42 |
Size | 0.3 MB |
File | |
Category | Islamic, Hindi Books |
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