
वेदान्त-बोध पुस्तक | Vedant Bodh Book PDF Download
प्रस्तुत ग्रन्थ के रचयिता अनन्तश्री स्वामी अखण्डानन्द सरस्वतीजी महाराज हैं । प्रातःस्मरणीय गुरुदेव स्वामी जी को आध्यात्मिक जगत्में आज कौन नहीं जानता । उनके त्याग, तपस्या, भक्तिभाव, ब्रह्मनिष्ठा एवं सरल-सुबोध सरस प्रवचन शैलीकी ख्याति सर्वत्र व्याप्त है । अनुवादों, प्रवचनों, संवादों एवं स्वतन्त्र लेखोंके रूपमें आपका विपुल साहित्य 'सत्साहित्य प्रकाशन ट्रस्ट, बम्बई' की कृपासे आज हम सबको उपलब्ध है । उपनिषेद्, गीता, ब्रह्मसूत्र, श्रीमद्भागवत एवं श्रीशंकराचार्य भगवान् की कृतियों पर आपके आधिकारिक विचार इस साहित्य में विस्तारसे संग्रहीत हैं । पूज्य महाराजश्री के कृतित्वकी विशेषता यह है कि पारम्परिक विचारों की व्याख्या भी आप आधुनिक परिप्रेक्ष्य में करते हैं । आपकी भाषा अवसरानुकूल होती है । एक ओर लेखोंमें शैली सूत्रमय एवं भाषा विद्वत्तापुरस्सर होती है तो दूसरी ओर प्रवचनोंमें शैली विस्तारमय एवं भाषा बोल-चालकी । महाराजश्री का कहना है कि अपने लेखों और प्रवचनों में वे जान-बूझकर पारिभाषिक शब्दों का प्रयोग करते हैं क्योंकि इससे एक ओर तो प्राचीन और अर्वाचीन साहित्यके बीच कड़ी जुड़ी रहती है और दूसरी ओर उनके द्वारा जिस गूढ़ार्थका बोध होता है वह साधारण शब्दोंसे बिना विस्तृत व्याख्या के संभव नहीं है । यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे इन महापुरुष के श्रीचरणोंमें बैठनेका और कुछ सत्संग प्राप्त करनेका अवसर मिला है। कुछ समय पूर्व मेरे मनमें एक बात उठी, क्यों न महाराजश्रीके वेदान्त विचारोंको, जो अनेकानेक ग्रंथों में इधर- उघर क्रमाक्रम से बिखरे हुए हैं, एक स्थान में क्रमसे एकत्रित कर दिया जाय जिससे मुमुक्षु - जिज्ञासुओं का पथ-प्रदर्शन हो सके ! मित्रोंसे सलाह ली, उत्साह मिला । अन्तमें महाराजश्रीसे प्रस्ताव किया तो उन्होंने भी स्वीकृति दे दी ।
पुस्तक | वेदान्त-बोध पीडीएफ / Vedant Bodh PDF
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लेखक | Shri Swami Akhandanand Saraswati |
प्रकाशक | Satsahitya Prakashan Trust |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 453 |
आकार | 29 MB |
फाइल | PDF |
Status | OK |
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