थार मरुस्थल के वन्यजीव एक झलक पुस्तक | Thar Marusthal Ke Vanyajiv Ek Jhalak Book PDF Download
राजस्थान के थार मरुस्थल का वन्य जीव भारत के जैव विविधता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पहाड़ो और नदियों से दूर 3,20,000 वर्ग किलोमीटर में फैले इस विशाल थार के रेगिस्तान के पशु पक्षियों ने इस कम पानी वाले इलाको में अपने आप को बड़े ही असाधारण तरीके से ढाल लिया है।
थार मरुस्थल में अनुमानित 700 किस्म के पेड़ पौधे, 51 प्रजाति के सरीसृप और 300 से ज्यादा तरह के पक्षी मिलते है। यहां के वन्य जीव को बचाने में ग्रामीण समुदायों की एक निराली भूमिका है। ख़ास करके गोडावण जैसे सुन्दर पक्षी को जिसकी एक झलक भी मन मोह लेती है। अब यह विलुप्त होने की कगार पर है।
थार मरुस्थल के वन्यजीव एक झलक पुस्तक राजस्थान के वन्यजीवन, पेड-पौधे और BNHS की परियोजना के बारे मे सारी जानकारी प्रदान करता है। इस पुस्तक की मदद से आप पशु, पक्षी एव पेड़ पौधों की प्रजातियों की पहचान कर सकते है। उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते है। जिसमे पारिस्थितिक और ग्रामीण समुदाय के बारे में जानकारी दी गयी है।
लेखक और उनकी टीम जिन्होंने बड़े ही सूझ बूझ और कठिन परिश्रम के साथ ईस पुस्तक को प्रबंधित किया है। वे सभी बधाई के पत्र है जिन्होंने इस बेहतरीन किताब के जरिये, इस अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र के वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला है। जो क्षेत्र में मौजूद प्राकृतिक आवास और ग्रामीण समुदायों को लाभ पहुंचाता है और आम जनता को वन्यजीवन और वनस्पति से भी रूबरू करवाता है।
प्रत्येक वर्ष मै मरुस्थल का जायजा लेने आता हूँ, और ग्रामीण लोगों को उनके वातावरण के बारे में भी बताता हूँ। इस वक्त गोडावण को इतने करीब से जानने का मौका इस मरुस्थल से बेहतर कही नहीं मिल सकता। आशा करता हूँ की इस पुस्तक को पढ़ने वाले किसी भी व्यक्ति को मरुस्थल के वन्यजीवन और वातावरण को समझने का मौका मिले।
राजस्थान के थार मरुस्थल का वन्य जीव भारत के जैव विविधता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पहाड़ो और नदियों से दूर 3,20,000 वर्ग किलोमीटर में फैले इस विशाल थार के रेगिस्तान के पशु पक्षियों ने इस कम पानी वाले इलाको में अपने आप को बड़े ही असाधारण तरीके से ढाल लिया है।
थार मरुस्थल में अनुमानित 700 किस्म के पेड़ पौधे, 51 प्रजाति के सरीसृप और 300 से ज्यादा तरह के पक्षी मिलते है। यहां के वन्य जीव को बचाने में ग्रामीण समुदायों की एक निराली भूमिका है। ख़ास करके गोडावण जैसे सुन्दर पक्षी को जिसकी एक झलक भी मन मोह लेती है। अब यह विलुप्त होने की कगार पर है।
थार मरुस्थल के वन्यजीव एक झलक पुस्तक राजस्थान के वन्यजीवन, पेड-पौधे और BNHS की परियोजना के बारे मे सारी जानकारी प्रदान करता है। इस पुस्तक की मदद से आप पशु, पक्षी एव पेड़ पौधों की प्रजातियों की पहचान कर सकते है। उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते है। जिसमे पारिस्थितिक और ग्रामीण समुदाय के बारे में जानकारी दी गयी है।
लेखक और उनकी टीम जिन्होंने बड़े ही सूझ बूझ और कठिन परिश्रम के साथ ईस पुस्तक को प्रबंधित किया है। वे सभी बधाई के पत्र है जिन्होंने इस बेहतरीन किताब के जरिये, इस अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र के वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला है। जो क्षेत्र में मौजूद प्राकृतिक आवास और ग्रामीण समुदायों को लाभ पहुंचाता है और आम जनता को वन्यजीवन और वनस्पति से भी रूबरू करवाता है।
प्रत्येक वर्ष मै मरुस्थल का जायजा लेने आता हूँ, और ग्रामीण लोगों को उनके वातावरण के बारे में भी बताता हूँ। इस वक्त गोडावण को इतने करीब से जानने का मौका इस मरुस्थल से बेहतर कही नहीं मिल सकता। आशा करता हूँ की इस पुस्तक को पढ़ने वाले किसी भी व्यक्ति को मरुस्थल के वन्यजीवन और वातावरण को समझने का मौका मिले।
पुस्तक | थार मरुस्थल के वन्यजीव एक झलक पीडीएफ / Thar Marusthal Ke Vanyajiv Ek Jhalak PDF |
लेखक | सुजीत नरवडे |
प्रकाशक | BNHS, India |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 136 |
आकार | 37 MB |
फाइल | |
Status | OK |