तबला ताल संग्रह पुस्तक | Tabla Taal Sangrah Book




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तबला ताल संग्रह पुस्तक | Tabla Taal Sangrah Book PDF Download

प्रस्तुत ग्रन्थ के रचयिता श्री रामदास अग्रवाल जी हैं । तबला वाद्य बजाने का प्रचार दिन प्रति दिन कम होता देख कर "तबला ताल संग्रह" नामक पुस्तक आप लोगों की सेवा में अर्पण करने का विचार आया । इस वाद्य में जो बजने वाले बोल हैं वह अक्सर ठीक लयकारी में नहीं लिखे जाते, जिससे कि लोग ताल, लय, मात्रा और तबले की चीज़ों की शुद्ध लिपि करने की उत्तम रीति को सीख पाते । इसी कारण से इस विद्या का प्रचार कम होता देख कर इस वाद्य पुस्तक में बहुत सा समय लगाया गया है, जिससे कि तबला बजाना सीखने की कला को अति सुगम बनाया जाए । आज कल प्रायः जिन जिन लोगों ने तबले की पुस्तकें बनाई हैं उन में इसी बात की न्यूनता होने से कठिन बोलों के हर एक अक्षर ठीक ठीक नहीं लिखे जाते, इस लिये उन पुस्तकों से सीखने वालों को लय-कारी का उचित ज्ञान नहीं हो पाता है । इस पुस्तक में तबला किस रीति से बजाना है, कौन सा हाथ किधर रखना है और उंगलियों को किस प्रकार उठाना और उन से काम लेना है, उसे चित्र सहित विस्तारपूर्वक लिख कर बताया गया है । इस पुस्तक के अनुसार यदि कोई मनुष्य अभ्यास करेगा तो निश्चित रूप से उसे तबला अच्छी रीति से बजाना आ जायेगा, साथ ही साथ लयकारी का भी अच्छा ज्ञान हो जायेगा । तबला स्वर में मिलाने की यह रीति है कि जब ऊंचे स्वर में मिलाना हो तो हथौड़ी से गट्टों को नीचे की तरफ ठोकते हैं, और जब स्वर में मिल जाता है तो थाप देकर देखते हैं कि स्वर सही तरह से मिल गया या नहीं । थाप लगाने का यह कायदा है कि हाथ को किसी कदर तिरछा करके सब उगलियां सीधी रखते हैं और पांचवी उगली से तबले के मैदान में आधी स्याही दबाकर ज़र्ब लगाते हैं और हाथ उठा लेते हैं ।


पुस्तकतबला ताल संग्रह पीडीएफ / Tabla Taal Sangrah PDF
लेखकShri Ramdas Agrawal
प्रकाशकDwarka Prasad Agrawal
भाषाहिन्दी
कुल पृष्ठ91
आकार6 MB
फाइलPDF
StatusOK


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