Hindi Book Shariat Ya Jahalat PDF Download for free
हिंदी पुस्तक शरीयत या जहालत पीडीएफ डाउनलोड करे मुफ्त में
शरीयत या जहालत पुस्तक | Shariat Ya Jahalat Hindi Book PDF Download
जनाब मुहम्मद पालन हक्कानी साहब की किताब 'शरीअत या जहालत' के पांच पांच हज़ार के दो गुजराती एडीशन छप कर हाथों-हाथ उठ जाने के बाद उर्दू एडीशन छापा गया। किताब के मक्बूल होने का अन्दाज़ा केवल इसी से हो जाता है कि सिर्फ डेढ़ साल की अवधि में इसके दो एडीशन निकल जाने के बाद भी हर तरफ से इस की मांग पहले ही की तरह बाकी है। अब इसी किताब का हिन्दी एडीशन आप के हाथों में है। खुदा करे यह भी और एडीशनों की तरह ज़्यादा से ज्यादा मक्बूल हो।
जनाब मुहम्मद हक्कानी गुजरात प्रदेश के बहुत ज़्यादा मक्बूल और सब के दिल में घर कर लेने वाले उपदेशक हैं। उनके वाज़ों ने गुजरात के हज़ारों मुसलमानों की जिस तरह काया पलटी है, शिर्क, बिदअत गैरइस्लामी रस्म की जड़ें काट कर आम व खास को नमाज़-रोज़े का पाबन्द और नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत की पैरवी करने वाला बनाया है, उस की मिसाल पिछले पचास साल की गुजराती तारीख में नहीं मिलती।
शरीयत या जहालत के लेखक का असल वतन मालिया मियाना है। आप का ताल्लुक मियाना बिरादरी से है, जो अपनी बहादुरी और हिम्मत में जितनी मशहूर है, उतनी ही जहालत, वह्म परस्ती और पुरानेपन से जुड़े रहने में भी खासी मशहूर हैं। हुकूमत की नज़रों में यह एक जरायम पेशा क़ौम थी अंग्रेज़ों की हुकूमत के दौर में इस क़ौम पर किस्म किस्म की पाबंदिया हुई थीं। इनको सुधारने और हुकूमत का इस क़ौम के बारे में ख़्याल बदलने के लिए मौलाना शौकत अलीमरहूम और दूसरे लीडरों ने आज से 30 साल पहले काफी जद्दोजेहद की थी।
पुस्तक | शरीयत या जहालत पीडीएफ / Shariat Ya Jahalat PDF |
लेखक | मौलाना मुहम्मद पालन हक्कानी गुजराती |
प्रकाशक | रब्बानी बुक डिपो, दिल्ली |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 705 |
आकार | 23 MB |
फाइल | |
Status | OK |