बणजारा शब्द का गुरु ग्रंथ साहिब में उल्लेख पुस्तक | Banjara Shabd Ka Gurugranth Sahib Me Ullekh Book PDF Download
गुरु नानक साहिब सच्च की क्रांति को विश्व भरमें लेकर आए और परम पिता परमात्मासे जुड़ने का सिद्दांत पुरी मानवता को दिया। गुरु नानक साहिब के द्वारा पुरे विश्व का भ्रमण बंजारों के टांडों के साथ किया और जगह-जगह पर बंजारों को सिक्ख प्रचारक नियुक्त किया गया और धर्मशाल स्थापित किए गए। इस मुहिम के चलते हुए विश्व भरके धारमिक नेता, आर्थिक नेता और राजनीतिक व्यक्ति गुरु नानक साहिबकी विचारधारा के साथ जुड़ता गया। गुरु नानक साहिब ने बाणीको पोथी साहिब में लिखने का कार्य आरंभ किया। इस विचारधारा में एक परम पिता प्रमात्मा के सिद्धांत को मानने के साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक, समाजिक और लैंगिक बराबरी का सिद्धांत भी दिया। गुरु ग्रंथ साहिबमें दर्ज अनेकों सलोकों में वणजारों का जिकर आता है। बंजारे सिक्खों ने गुरु नानक साहिब के हलीमी राज की स्थापना के लिए तन, मन, धनसे योगदान दिया और मुगल राज की जड़ें उखाड़ फेंकी।
गुरु ग्रंथ साहिब में अंकित भगत रविदास जी के श्लोक 'को बंजारों राम को मेरा टांडा लादिया जाए रे' गुरबाणीमें बंजारों और टाडों का जिक्र साफ तौर पर आता हैं। चौथे नानक गुरु रामदास साहिब की जो बाणी गुरु ग्रंथ साहिबमें दर्ज है उसका सिरलेख श्री राग महल्ला 4 वणजारा है। पांचवे नानक गुरु अरजन साहिब ने अपनी बाणी के साथ-साथ पूर्व गुरुओं की बाणी, भक्तों, संतों और सूफियों की बाणी को भाई गुरदासजी से लिखवाया। यह कार्य 1604 ई. में समपन्न हुआ और दरबार साहिब अमृतसर में इस ग्रंथको पोथी परमेशर का थान कह कर प्रकाशित किया गया। नौवें गुरु तेग बहादुर साहिब द्वारा रचित 59 शब्द और 57 श्लोक दमदमा साहिबमें दसवें नानक गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा दरज किए गए। गुरु ग्रंथ साहिब की कई प्रतिलिपियां गुरु गोबिंद सिंह जी की अगुवाईमें भाई मनी सिंह बंजारा द्वारा तैयार की गई।
पुस्तक | बणजारा शब्द का गुरु ग्रंथ साहिब में उल्लेख पीडीएफ / Banjara Shabd Ka Gurugranth Sahib Me Ullekh PDF |
लेखक | गगनदीप सिंह |
प्रकाशक | हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 132 |
आकार | 73 MB |
फाइल | |
Status | OK |
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