हिमालय का योगी हिंदी पीडीएफ | Himalaya ka Yogi Hindi Book PDF


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हिमालय का योगी हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Himalaya ka Yogi Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : हिमालय का योगी | इस ग्रन्थ के मूल लेखक या संपादक है : अज्ञात | पुस्तक के प्रकाशक हैं : योग निकेतन ट्रस्ट, ऋषिकेश | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 26 MB है | इस पुस्तक में कुल 428 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "हिमालय का योगी" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.

Name of the book is : Himalaya ka Yogi | This Book is originally written or composed by : unknown | This book is published by : Yog Niketan Trust, Rishikesh | PDF file of this book is of size 26 MB approximately. This book has a total of 428 pages. Download link of the book "Himalaya ka Yogi" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के लेखक
पुस्तक की श्रेणीपीडीएफ साइजकुल पृष्ठ
अज्ञातभक्ती धर्म26 MB428


पुस्तक से : 

मेरा विचार पुनः गृहत्याग का हो रहा है। मैं तो केवल आपकी आज्ञा का पालन करने के लिए यहां आ गया था। मै पहले ही समझ गया था कि पिताजी केवल मुझे वापिस घर ले जाने के लिए पढाई और साधनाकी व्यवस्था करने की बातें करते हैं। स्वामीजी व्यासजी के विचार सुनकर कहने लगे मैं तो आश्रम मे तुम्हारे अध्ययन तथा साधना की व्यवस्था देखकर बडा सन्तुष्ट था।
तुम्हारी माता ने काफी समय से तुम्हारे वियोग में अन्न छोड रखा है। उसकी दयनीय दशा को देखकर मेरा दिल द्रवित हो गया और में तुम्हारे पिता के साथ तुम्हे लेने के लिए हरिद्वार चला गया। लोग तुम्हारे योगाभ्याम की साधनामें बाधा उत्पन्न करते है यह जानकर मुझे बड़ा दुख हुआ है। मेरी यह अभिलापा है कि तुम एक महान् योगी बनकर दुनिया को दुख से मुक्त करो।
ब्रह्मचारी व्यासदेवजी किसी बडे योगी की खोज में थे। सप्नसरोवर मे वास करने के पश्चात वे इस खोजमें निकल पड़े। उन्होंने ऋषिकेश की ओर गंगा के किनारे होते हुए प्रस्थान किया। कुछ दिन तक वे हरिद्वार और ऋषिकेश के बीचमें ही घूमते रहे। घर से निकले कुछ वर्ष ही हुए थे, इसलिए भिक्षाचर्या करने में संकोच होता था। उनके पास कुछ रुपये थे जिनसे वे अपना निर्वाह करते थे।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

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