Ad Code

सारस्वत कुण्डलिनी महायोग शक्तिपात शास्त्र हिंदी पीडीएफ | Saraswat Kundalini Mahayoga Shaktipat Shastra Hindi Book PDF


Saraswat-Kundalini-Mahayoga-Shaktipat-Shastra-Hindi-Book-PDF




सारस्वत कुण्डलिनी महायोग शक्तिपात शास्त्र हिंदी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Saraswat Kundalini Mahayoga Shaktipat Shastra Hindi Book

इस पुस्तक का नाम है : सारस्वत कुण्डलिनी महायोग शक्तिपात शास्त्र | इस ग्रन्थ के मूल लेखक है : डॉ. जितेंद्र चंद्र शास्त्री | पुस्तक के प्रकाशक हैं : निर्मोही बंधु प्रकाशन, लखनऊ उत्तर प्रदेश | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 124 MB है | इस पुस्तक में कुल 228 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "सारस्वत कुण्डलिनी महायोग शक्तिपात शास्त्र" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.

Name of the book is : Saraswat Kundalini Mahayoga Shaktipat Shastra | This Book is originally written by : Dr Jitendra Chandra Shastri | This book is published by : Nirmohi Bandhu Prakashan, Lucknow Uttar Pradesh | PDF file of this book is of size 124 MB approximately. This book has a total of 228 pages. Download link of the book "Saraswat Kundalini Mahayoga Shaktipat Shastra" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के लेखक
पुस्तक श्रेणीपीडीएफ साइजकुल पृष्ठ
डॉ जितेंद्र चंद्र शास्त्रीधर्म, साधना124 MB228


पुस्तक से : 

भारतीजी ने बहुत पूछा कि गुरू जी के पास से आये हो, क्या हुआ, क्या बताया ? किन्तु मैं कुछ भी बता न सका, क्योंकि प्राप्त अनुभव को अभिव्यक्ति करने को मुझे शब्द नहीं मिल रहे थे। मैंने कुछभी कहकर उन्हें टाल दिया। दूसरे दिन श्री भारतीय जी कुटिया में पहुंचे श्री गुरूदेव ने हमे अलग-अलग बैठने का आदेश दिया। 
फिर गुरूदेव का प्राणायाम आरम्भ हुआ और उन्होने आकाश-पाताल कंपा देने वाली ऊँकार ध्वनि छोड़ी। उधर भारतीय जी का शरीर कम्पित होने लगा। नाना प्रकार की योग क्रियायें, आसन, मुद्रा स्वतः अनायास होने लग पड़े। मुझमें कोई विशेष प्रतिक्रिया उस सयम नहीं हुई। मै तो भारतीय जी की सभी कियाओं को आश्चर्य चकित दृष्टिसे देखत ही रह गया।
मैंने भय से आंख भी बन्द नहीं की कि कहीं शून्यता में फिर न चला जाऊ। करीब एक घण्टे बाद यह सब समाप्त हुआ फिर गुरुदेव ने हमे बताया कि इसे शक्ति पात कहते हैं। महामाया भगवती जगदम्बा की तुम्हारे ऊपर कृपा हो चुकी है तुम्हारी कुण्डनिली शक्तिका जागरण हो चुका है। इस भांति इस शास्त्र के अनुवादक की शक्तिपात दीक्षा सम्पन्न हुई थी।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"सारस्वत कुण्डलिनी महायोग शक्तिपात शास्त्र" हिन्दी पुस्तक को डाउनलोड करने के लिए, जिसका पीडीएफ फाइल साइज 124 MB का है, नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Saraswat Kundalini Mahayoga Shaktipat Shastra" Hindi Book, whose pdf file size is 124 MB, simply click on the download button provided below.


Download PDF

                                                                      यदि इस पुस्तक के विवरण में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से संबंधित कोई सुझाव अथवा शिकायत है तो उस सम्बन्ध में आप हमें सूचित करें।