योग रहस्य / Yog Rahasya Hindi Book PDF Details :
पुस्तक का नाम | योग रहस्य |
Book Name | Yog Rahasya |
भाषा | हिंदी |
Language | Hindi |
लेखक | नारायण स्वामी |
Author | Narayan Swami |
प्रकाशक | वैदिक साहित्य प्रचारिणी सभा |
Publisher | Vaidik Sahitya Pracharini Sabha |
प्रकाशन तिथि | 1939 |
कुल पृष्ठ | 214 |
पीडीएफ_साइज | 4 MB |
फाइल टाइप | |
लिंक | Given Below |
श्रेणी | योग, धर्म |
Yog Rahasya Hindi Book PDF Summary :
वैदिक साहित्य प्रचारिणी सभा की ओर से यह पुस्तक पाठकों की सेवा में एकभेंट है। माननीय ग्रन्थकार के नाम से सभी जनता सुपरिचित है। उनका पारायण विशद है, चिन्तन गहन है और अध्ययन गम्भीर है। योग जैसे असाधारण विषय की जितनी सुन्दर, हृदयस्पर्शी एवं व्यावहारिक व्याख्या इस ग्रन्थ में मिलती है उतनी अन्यत्र किसी भी ग्रन्थ में नहीं मिलती।
भोजन करने के बाद कारबोनिक एसिड के शरीर से निकलने की मात्रा, भोजन न करके भूखा रहने की अपेक्षा, अधिक बढ़ जाती है। सीक्वीन एक विद्वान के अनुभव में यह बात आई है कि जब वह उपवास करता था तो केवल १२१० घन इन्च शुद्ध वायु काम में आता था परन्तु भोजन करने के बाद पाचन क्रिया के मध्य १६०० घन इञ्च प्राण प्रद व्यय हुआ।
सम्पत्ति शास्त्र की दृष्टि से, ऐसे लोग किसी देश के लिये अधिक हानिकारक होते हैं। कई आदमियों का भोजन यह अकेले ही चट कर जाते हैं और काम कम करते हैं। योगी अपने को सदैव हल्का और चुस्त इसी लिये बना लेते हैं कि जिससे भूख कम तकलीफ दे। अधिक भोजन करने से मनुष्य की आयु भी कम हो जाती है। इतिहास भी इसकी गवाही देता है।
प्राणायाम से शारीरिक उन्नति किस प्रकार होती है इस बात को जानने के लिये एक दृष्टि शरीर के अन्दर होने वाले अनिच्छित कार्यों, हृदय और फेफड़े के कार्यों पर, डालनी चाहिये। समस्त शरीर से अति सूक्ष्म नलियाँ हृदय में आती हैं और हृदय से समस्त शरीर में जाया करती हैं। पहली नलियाँ 'शिरा' और दूसरी 'धमनि' कहलाती है।
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