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अंक विद्या पुस्तक | Ank Vidya Hindi PDF Book



Ank-Vidya-PDF-Book




पुस्तक : अंक विद्या

लेखक : पंडित गोपेश कुमार ओझा

सम्पादक : श्री चिम्मनलाल गोस्वामी

प्रकाशक : मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली

मुद्रक : श्री जैनेंद्र प्रेस, जवाहर नगर दिल्ली

प्रकाशन तिथि : 1969 (तृतीय संस्करण)

कुल पृष्ठों की संख्या : 190

पुस्तक का आकार : 6 MB

फ्री पीडीएफ डाउनलोड लिंक : निचे उपलब्ध है




पुस्तक की विषय सूची :

  • अक-विद्या रहस्य 
  • पृथ्वी के तत्त्वों की विभिन्नता
  • शब्द और 'ब्रह्म' की एकता
  • संख्या का महत्व और शक्ति
  • नाम और संख्या का सम्बन्ध
  • संख्या तथा जन्म तारीख का सम्बन्ध
  • क्या अंक-विद्या में कुछ सत्यता है
  • दो बादशाहों का ५३९ वर्ष के बाद एक-सी संख्या में जन्म
  • ५३९ वर्ष के बाद एक-सी घटनाओ की पुनरावृत्ति
  • विक्टर ह्यूगो का अंक-विद्या विषयक अनुभव
  • मिश्र के सम्बन्ध में 'कीरो' की भविष्यवाणी
  • १३ की संख्या की 'शुभता' तथा अशुभता पर विचार
  • मूल अंक बनाने की विधि और उनका प्रभाव
  • जीवन के महत्त्वपूर्ण वर्ष
  • शुभ अंक, शुभ मास, शुभ रंग
  • जन्म तारीख, जन्म मास के आधार पर फलादेश




पुस्तक के बारे में / about this Book :

जो सज्जन ज्योतिष शास्त्र की बृहत् परिक्रमा मे सक्षम नही है, वह गणेश जी के उपर्युक्त उदाहरण को लेकर " अव विद्या" का अभ्यास करें तो थोडे परिश्रम से केवल अगरेजी की जन्म तारीख, नाम, किंवा प्रश्न से भविष्य का बहुत-कुछ शुभाशुभ जान सकते हैं। अगरेजी में Numerology की अनेक पुस्तके उपलब्ध हैं किन्तु हिन्दी मे अंक विद्या (ज्योतिष) की कोई पुस्तक सहज देखने को नही मिलती। अनेक ग्रन्थो का अध्ययन तथा अनुशीलन कर यह पुस्तक आप पाठको के सम्मुख रखी जा रही है। 



सारांश / Summary :

'कीरो' एक विश्व-विख्यात ज्योतिषी, हस्तरेखा विशारद तथा अंक-विद्या का पारंगत विद्वान् था। उसने श्री एच सी. शेर्मन नामक व्यक्ति के जीवन की घटनाओ का उल्लेख करते हुए लिखा है कि श्री शेर्मन की अपनी भावी पत्नी मिस वीक्स से प्रारम्भिक मुलाकात १३ तारीख को हुई, उसने विवाह का प्रस्ताव १३ तारीख को किया और मिस वीक्स ने विवाह की स्वीकृति भी १३ तारीख को ही दी। १३ जून सन् 1871 को दिन के दस बजकर १३ मिनट पर वे विवाह वेदी पर बैठे। पति-पत्नी दोनों की जन्म तारीखे भी १३ ही थी। विवाह मे १३ मेहमान आये और वधू के हाथ में जो गुलदस्ता था, उसमे १३ गुलाब के फूल थे।


अब १३ तारीख के सम्बन्ध मे एक उदाहरण ऐसा दिया जाता है जहाँ १३ ने अशुभ प्रभाव दिखाया हो। सुप्रसिद्ध उपन्यासकार विक्टर ह्यूगो ने लिखा है कि जब सन् 1871 में वह फ्रांस की राष्ट्रीय असेम्बली के लिये रवाना हुए तो १३ फरवरी तारीख थी। जिस डब्बे में वह गये उसमें १३ व्यक्ति थे और जब वह 'वोर' नगर में पहुँचे तब न० १३ के मकान मे उन्हें ठहराया गया १३ मार्च की रात्रि को उन्हें बिलकुल नीद नही आयी । वह बेचैनी से करवटे बदलते रहे और विचार करते रहे कि जनवरी से लगातार १३ की सख्या उनका पीछा कर रही है। उसी समय उन्हें होटल के अध्यक्ष ने बुलाया और विक्टर ह्यूगो से कहा कि दिल को कड़ा कर लीजिये। जिस चार्ल्स गो की प्रतीक्षा में आप ठहरे हैं, उसकी मृत्यु का समाचार आया है !



पीडीएफ लिंक / Pdf Link :

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