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भारतीय शासन एवं राजनीति | Bharatiya Shasan Evan Rajniti


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भारतीय शासन एवं राजनीति पुस्तक के बारे में विस्तार से नीचे बताया गया है -


प्रस्तुत पुस्तक की रचना एम० फिल०, एम० ए० तथा बी० ए० के लिए राजनीति विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए की गयी है और यह उत्तर भारत के लगभग सभी विश्वविद्यालयो के पाठ्यक्रम को अपने में समाविष्ट करती है । भारतीय शासन एवं राजनीति' पुस्तक का यह पष्टम् संस्करण पाठको के सम्मुख प्रस्तुत किया जा रहा है। एक वर्ष की अवधि बीतने के पहले ही पुस्तक का पिछला संस्करण समाप्त हो जाना पाठको द्वारा इस पुस्तक की उपयोगिता स्वीकार किये जाने का परिचायक है।


संविधान द्वारा कुछ मूलभूत सिद्धान्तो और प्रशासनिक एव प्रतिनिधि संस्थानो के एक संरचनात्मक ढाँचे की व्यवस्था की जाती है लेकिन यह संरचनात्मक ढाँचा व्यावहारिक राजनीति की परिस्थितियों से परिचालित होता है और उसमे निरन्तर विकासशीलता की स्थिति होती है । व्यावहारिक राजनीति के तनाव और दबाव ही उसे सजीवता प्रदान करते है अथवा उसकी दुर्बलता के कारण बनते हैं। पिछले दो दशक में तो भारतीय राजनीति का घटनाचक्र निरन्तर परिवर्तित होता रहा है । इस घटनाचक्र का विश्लेषण किये बिना संवैधानिक ढाँचे की मीमांसा कर पाना असंभव है । अतः मूल संवैधानिक ढांचे को आधार बना कर और राजनीति के निरन्तर बदलते हुए परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए संविधान तथा सरकार के वास्तविक व्यावहारिक अध्ययन का प्रयास किया गया है । पुस्तक का प्रत्येक अध्याय 'संविधान', 'सरकार' या 'राजनीति' के किसी विशिष्ट पहलू की विश्लेष- णात्मक आलोचनात्मक विवेचना प्रस्तुत करता है ।



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पिछले लगभग एक दशक में भारतीय राजनीति का समस्त घटनाक्रम बहुत अधिक विवाद का विषय रहा है। भारतीय शासन एवं राजनीति पीडीएफ पुस्तक में इस विवादास्पद राजनीतिक घटनाचक्र के सम्बन्ध में निष्पक्ष और सन्तुलित दृष्टिकोण अपनाने की चेष्टा की गई है । पुस्तक में विषय की आद्योपान्त विवेचना प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है । मौलिक अधिकार, संवैधानिक सशोधन, राजनीतिक दल, चुनाव आदि के प्रसंग मे विशेष रूप से इस बात को दृष्टि मे रखा गया है कि पाठक नवीनतम संवैधानिक एवं राजनीतिक स्थिति का परिचय प्राप्त कर सकें ।


पिछले दो दशक में भारतीय शासन और राजनीति के विभिन्न पहलुओ पर कुछ विशिष्ट रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। पुस्तक के लेखन मे इन सभी रचनाओ और पत्र पत्रिकाओ में प्रकाशित विभिन्न लेखो को दृष्टि में रखा गया है।


भारत एक महत्वपूर्ण लोकतन्त्रात्मक देश है। मानव सभ्यता के पाँच हजार वर्ष से भी पुराने इतिहास मे कही भी, कभी भी इतने व्यापक पैमाने पर लोकतान्त्रिक प्रयोग नहीं चला, जैसा कि भारत मे चल रहा है । जनतन्त्र के परिप्रेक्ष्य में भारत की महत्ता का अहसास पश्चिम में अधिक है । टेक्सास विश्वविद्यालय के डॉ० रोस्टोव का यह कथन उल्लेखनीय है कि "दूसरे महायुद्ध के बाद की सबसे आश्चर्यजनक घटना भारत में लोकतन्त्र का कायम रहना है ।" भारत केवल स्वयं की दृष्टि से ही एक महत्वपूर्ण 'देश नही है वरन् वह समस्त विश्व में लोकतन्त्र के भविष्य की दृष्टि से भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण देश है। ऐसी स्थिति में यदि भारत कभी पुनः निरंकुश पंजो मे जकड़ा जाता है तो यह मानव इतिहास की सबसे बडी पराजय होगी।


पिछले 45 वर्षों से भारत में संवैधानिक शासन व्यवस्था के तहत् लोकतन्त्रात्मक राजनीति का प्रयोग चल रहा है। भारत की गणना 'तीसरे विश्व के राज्यो मे की जाती है। आमतौर से देखने मे आता है कि तीसरे विश्व के नवोदित स्वतन्त्र राज्य कुछ मामलो मे अपने को उससे भी अधिक नया मानते है, जितने कि वे वास्तव में होते हैं, और कुछ मामलों में वे जितने पुराने होते हैं, उससे भी अधिक पुराना मानते है। भारत की यह विशेषता रही है कि वह निरन्तरता और परिवर्तन के बीच तालमेल बैठाने का अभ्यस्त है।



Bharatiya Shasan Evan Rajniti



भारतीय शासन एवं राजनीति पीडीएफ पुस्तक - संक्षिप्त विवरण :

प्रस्तुत पुस्तक के लेखक का नाम : डॉ. पुखराज जैन एवं डॉ. बी एल फरिया | प्रस्तुत पुस्तक का प्रकाशन साहित्य भवन, आगरा द्वारा किया गया है। यह पुस्तक का छठवां संस्करण है। पुस्तक के इस संस्करण का प्रकाशन सन् 1990 में हुआ था। इस पुस्तक में पृष्ठो की कुल संख्या 858 है। भारतीय शासन एवं राजनीति पीडीएफ फाइल का आकार 54 MB है। इस पुस्तक को 'हिस्ट्री एंड पॉलिटिक्स' श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है।



भारतीय शासन एवं राजनीति पुस्तक की विषय सूची -

  1. भारतीय राजनीति के अध्ययन के विभिन्न दृष्टिकोण
  2. भारतीय सविधान सभा - रचना और दृष्टिकोण
  3. भारतीय संविधान के स्रोत एवं विशेषताएं
  4. भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के दार्शनिक आधार तत्व
  5. भारतीय राजनीति का समाजशास्त्रीय एवं परिस्थितीय आधार
  6. संसदीय प्रणाली का भारतीय प्रतिमान
  7. भारतीय राजनीतिक व्यवस्था का स्वरूप
  8. भारतीय संघ व्यवस्था
  9. भारतीय सघ व्यवस्था में केन्द्र-राज्य सम्बन्ध
  10. नियोजित आर्थिक विकास और भारतीय राजनीति
  11. दलीय व्यवस्था एवं दलीय संघवाद
  12. भारत में राज्य स्वायत्तता की माँग
  13. भारतीय सविधान का दर्शन : मौलिक अधिकार
  14. भारतीय सविधान का दर्शन : राज्य नीति के निर्देशक तत्व
  15. भारतीय सविधान का दर्शन : धर्म निरपेक्षता
  16. संविधान सशोधन एवं सामाजिक आर्थिक परिवर्तत
  17. भारतीय राष्ट्रपति : निर्वाचन पद्धति और राष्ट्रपति चुनाव की राजनीति
  18. राष्ट्रपति की शक्तियाँ
  19. राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री : सम्बन्धो का एक अध्ययन
  20. भारत मे संघीय मन्त्रिपरिषद
  21. भारत में प्रधानमन्त्री का पद तथा स्थिति
  22. भारतीय संसद तथा उसका कार्यकरण
  23. भारत मे नोकरशाही : स्वरूप एव भूमिका
  24. संघीय लोकसेवा आयोग : सगठन, शक्तियाँ और भूमिका
  25. भारत मे राष्ट्रीय राजनीति उभरती प्रवृत्तियाँ
  26. राज्य-राजनीति मे राज्यपाल की भूमिका
  27. राज्य मन्त्रिपरिषद तथा राज्य राजनीति मे मुख्यमन्त्री
  28. राज्य विधानमण्डल और उसकी कार्य प्रणाली...
  29. भारत में राज्यो की राजनीति : उमरती प्रवृत्तियां
  30. भारत में दलीय व्यवस्था का स्वरूप
  31. भारत मे प्रमुख राष्ट्रीय दलो की विचारधारा व कार्यक्रम
  32. भारत में क्षेत्रीय और राज्य स्तर की पार्टियां
  33. भारतीय राजनीति में दवाब समूह
  34. भारत में निर्वाचन आयोग संगठन, कार्य एवं भूमिका
  35. भारत में चुनावी राजनीति और मतदान व्यवहार
  36. भारत में चुनाव सुधार : केतिपय सुझाव
  37. भारत में पंचायती राज की राजनीति
  38. भारतीय राजनीति : भाषा और शैली
  39. भारत की राजनीतिक संस्कृति
  40. जाति और भारतीय राजनीति
  41. भारतीय राजनीति मे साम्प्रदायिकता और धर्म
  42. भारतीय राजनीति मे क्षेत्रीयतावाद : पंजाब और असम आन्दोलन के सन्दर्भ में
  43. भारतीय राजनीति में भाषा
  44. भारत मे अल्पसंख्यक तथा अनुसूचित जातियो की राजनीति
  45. भारत मे दल-बदल की राजनीति
  46. भारत में मिली-जुली सरकारो की राजनीति
  47. लोकतन्त्र और राष्ट्रीय एकीकरण
  48. भारत में आन्दोलन एवं हिंसा की राजनीति



भारतीय शासन एवं सामाजिक पुस्तक पीडीएफ डाउनलोड लिंक -

इस पुस्तक का डाउनलोड लिंक नीचे दिया जा रहा है। बटन पर एक क्लिक करके आप इस पुस्तक को मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।